महज 22 साल की उम्र में क्रैक की UPSC, लेकिन फिर भी नहीं बन पाई IAS, IPS?
मुस्कान की कहानी प्रेरणादायक है और यह दिखाती है कि समर्पण और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। 22 साल की उम्र में ऑल इंडिया रैंक 87 के साथ UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त कर आईएफएस (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) अधिकारी बनना एक बड़ा उपलब्धि है, लेकिन उन्हें IAS या IPS अधिकारी बनने का मौका क्यों नहीं मिला, यह सवाल दिलचस्प है।
मुस्कान की कहानी का संक्षिप्त विवरण:
- शैक्षणिक यात्रा: मुस्कान ने बचपन से ही एक मेहनती छात्रा का परिचय दिया। उन्होंने 12वीं कक्षा में 96% अंक प्राप्त किए और इसके बाद चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी के एसडी कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) किया।
- UPSC की तैयारी: मुस्कान ने यूपीएससी की तैयारी में सेल्फ-स्टडी को प्राथमिकता दी। उन्होंने रोजाना 7 से 8 घंटे अध्ययन किया और वीकली टारगेट सेट किए, जिन्हें उन्होंने पूरी तरह से फॉलो किया।
- सफलता: 2019 में, मुस्कान ने अपने पहले प्रयास में ही UPSC परीक्षा पास कर ली और 22 साल की उम्र में IFS अधिकारी बन गईं।
IAS/IPS क्यों नहीं बनीं?
हालांकि मुस्कान की सफलता उल्लेखनीय है, लेकिन उन्होंने IAS या IPS क्यों नहीं चुना, इसके पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:
- फील्ड की पसंद: यूपीएससी परीक्षा के तहत कई सेवाएं होती हैं और उम्मीदवार अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर किसी भी सेवा का चयन कर सकते हैं। मुस्कान ने IFS (Indian Forest Service) को चुना होगा, जो कि उनका व्यक्तिगत पसंद हो सकता है।
- रैंक और उपलब्धता: UPSC में रैंक के आधार पर सेवा का चयन होता है। मुस्कान की रैंक 87 थी, और यह रैंक IFS के लिए उपयुक्त हो सकती थी, लेकिन IAS और IPS की सेवाओं के लिए अधिक रैंक की आवश्यकता हो सकती है।
- प्रोफेशनल इंटरेस्ट्स: हर सेवा की अपनी विशेषताएं और चुनौतियां होती हैं। मुस्कान ने IFS को चुना, संभवतः उसकी नौकरी की प्रकृति और जिम्मेदारियों के कारण जो कि प्रकृति और वन संरक्षण से संबंधित होती है।
- सामाजिक और व्यक्तिगत कारण: कभी-कभी व्यक्तिगत या पारिवारिक कारण भी सेवा के चयन को प्रभावित कर सकते हैं।
मुस्कान की कहानी यह दर्शाती है कि सफलता का मार्ग कभी भी सीधा नहीं होता और हर किसी की यात्रा विशिष्ट होती है। उन्होंने अपनी पसंद की सेवा में सफलता प्राप्त की और उनकी उपलब्धि सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।